Thursday, June 19, 2008

मैं आज अपनी मोहब्बत के अंजाम से मिला

बर्बादियों में डूबी हुई, एक शाम से मिला,
मय के लिए तरसते, टूटे एक जाम से मिला
रंज-ओ-बेवफाई से रंजीदा, एक गुमनाम से मिला
मैं आज अपनी मोहब्बत के अंजाम से मिला !!

तड़पते हुए दिल से निकले, एक पैगाम से मिला
पूरा होने के लिए तरसते, एक अरमान से मिला
जमीं छूने को बेताब, एक आसमान से मिला,
मैं आज अपनी मोहब्बत के अंजाम से मिला !!

टूटे दिल की खनक से ठिठके, एक हैरान से मिला,
वफ़ा निभा कर भी आयद, बेवफ़ाई के एक इल्जाम से मिला !
मौत के लिए तरसते जिंदगी से शर्मिंदा, एक इंसान से मिला,
मैं आज अपनी मोहब्बत के अंजाम से मिला !!

3 comments:

Unknown said...

wow!!!!!!!!!!!! isme wo wali line sabse achi hai .jisme(ilzam wali baat hai.)
gud...........i proud of u..........

Unknown said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Unknown said...

Good hai ji... very good