मधुमास की निशा में,
स्वच्छ चांदनी के आँचल में,
प्रियतम के नेत्रों से ,
प्रेमसुधा पाने के बाद,
क्या होगी इस ह्रदय की गति,
प्रिय तुम्हारे जाने के बाद !!
समस्त सृष्टि का सृजन,
तुम्हारे यौवन में समाया,
सकल जगत का रस,
तुम्हारे अधरों में पाया,
प्रियतम के आलिंगन का,
कोमल आलंबन पाने के बाद,
क्या होगी इस ह्रदय की गति,
प्रिय तुम्हारे जाने के बाद !!
सौंदर्य की अद्भुत प्रतिमा तुम,
प्रेम पुष्प अर्पित किए जाता हूँ,
नैराश्य तिमिर से भरे जीवन में,
तुमको सूर्य सा पाता हूँ,
स्वप्नों के अनुपम कानन में,
युगल गीत गाने के बाद,
क्या होगी इस ह्रदय की गति,
प्रिय तुम्हारे जाने के बाद !!
Ab-Initio - Air sanbox command. Part 2
8 years ago
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